मंगलवार, 15 नवंबर 2016

राज्य महिला आयोग्याचे अधिकार वाढविण्याची आवश्यकता - दै. प्रभात, दि-२९/३/९९

राज्य महिला आयोग्याचे अधिकार वाढविण्याची आवश्यकता
प्रकाशित- दै. प्रभात, दि-२९//९९

लीना मेहेंदळे

पुणे, दि.२८- महिलांनी आता निर्भय बनलं पाहिजे, कुठलीही गोष्ट करताना त्यातील ज्ञान व कौशल्य आत्मसात केले पाहिजे. राज्य व राष्ट्रीय महिला आयोगाच्या अधिकारामधील तफावती दूर करून राज्य महिला आयोगाप्रमाणेच एखाद्या व्यक्तीस साक्षीला बोलाविण्याचा अधिकार हवा. राष्ट्रीय आयोगाप्रमाणेच राज्य महिला आयोगाचे अधिकार वाढविण्यात आले पाहिजेत, असे प्रतिपादन राष्ट्रीय महिला आयोगाच्या सहसचिव लिना मेहेंदळे यांनी केले.
स्त्री आधार केंद्राच्या सहाव्या महिला अधिकार संमेलनाचे उदघाटन राष्ट्रीय
महिला आयोगाच्या सहसचिव लिना मेहेंदळे यांच्या हस्ते शनिवार
दि. २७ मार्च रोजी फलटण येथे झाले.
यावेळी कार्यक्रमाच्या व संस्थेच्या अध्यक्षा डॉ. नीलम गो-हे, . रामराजे नाईक-निंबाळकर , प्राचार्या अश्विनी धोंगडे, फलटणचे मुख्याधिकारी सुधाकर देशमुख, महिला व बाल कल्याण सभापती सौ. रत्नमाला बेडके, सुहासिनी माने, उंज्ज्वाला शिंदे, लक्ष्मी सागर आदी मान्यवर यावेळी उपस्थित होते.
डॉ. नीलम गो-हे म्हणाल्या, राज्यात सहकार क्षेत्राचा विकास झाला असला तरी ऊस तोडणी मजुरांच्या मुलांच्या शिक्षणाची हेळसांड होत आहे. स्त्रियांनी आपल्यावरील अन्यायाची आता चर्चा करीत न बसता नवीन ध्येय व इद्दिष्ट समोर ठेवून त्यासाठी काम करावे. सातारा जिल्ह्यात ५० बचट गट करण्यात येऊन महिलांच्या सर्वागिण विकासाकरिता ‘महिला विकास व्यासपीठाची’ स्थापना करण्यात येईल. यावेळी डॉ. गो-हे यांनी ५ ठराव परिषदेसमोर मांडले. हे ठराव पुढीलप्रमाणे आहेत.

) परभणी येथे अल्पवयीन मुलींवर जे बलात्कार झाले त्यात १० जणांना सक्तमजुरीची शिक्षा झाली. तसेच आरोपींना दंड करून ती रक्कम अत्याचार ग्रस्त मुलींना देण्याचा ऐतिहासिक निर्णय परभणीचे जिल्हा व सत्र न्या. एस. एन. जोशी यांनी दिला. या निर्णयाचे स्त्री आधार केंद्राच्यावतीन स्वागत करण्यात आले.

) पुणे जिल्ह्यातील धोंडमाळ येथील सरपंचावरील बहिष्कार ग्रामस्थांनी उठविल्याबद्दल ग्रामस्थांचे आभार मानणारा ठराव संमत केला.

) महिलांच्या आर्थिक विकासाला चालना देण्यासाठी ‘महिला विकास मध्यवर्ती आर्थिक धोरणे’ राबविणे.

) चौथ्या विश्व महिला संमेलनात (बिजिंग) भारत सरकारने दिलेली ५ वचने ५ वर्षे होऊनही न राबावेल्याने चिंता व्यक्त करण्यात आली.
) ऊस तोडणी मजुरांच्या मुलांच्या शिक्षणाकडे होत असलेल्या दुर्लक्षाबद्दल चिंता व्यक्त करण्यात आली.
. रामराजे नाईक-निंबाळकर म्हणाले, मी आरक्षणाच्या बाजूने नसलो तरी आरक्षणाने आजपर्यंत कुठल्याही जाती-जमातीचा विकास झालेला नाही. धर्मानेच स्त्रियांवर गुलामगिरी लादली असून यातून स्त्रियांनी बाहेर पडले पाहिजे. कायद्याने स्त्रीला संरक्षण मिळाले असले तरी प्रत्यक्षात संरक्षण मिळालेले नाही.
एसएनडीटीच्या प्राचार्या अश्विनी धोंगडे म्हणाल्या, स्त्री मुक्तीचा लढा हा मानव मुक्तीचा लढा आहे. स्त्रिया आता बदलत असल्या तरी पुरुषांची मानसिकता जुनीच आहे. धार्मिक विधीत देखील महिलांना स्थान मिळाले पाहिजे.
कार्यक्रमाचे सूत्रसंचालन सीमा दळवी यांनी केले. प्रास्ताविक ज्योती काटकर यांनी केले तर आभारप्रदर्शन धनश्री पंडीत यांनी केले. ऍड.

निरगुडकर, ऍड. मनोज देशपांडे यांनी कायदाविषयक मार्गदर्शन केले. डॉ. क्रांती रायमाने (औरंगाबाद) यांनी महिलांचे आरोग्य या विषयावर मार्गदर्शन केले.

शनिवार, 5 नवंबर 2016

28-02-2001

राष्ट्रीय सहारा

समस्याएं महिलाओं की
लीना मेहेंदले

मैं तीन शादी- शुदा लड़कियों की मां हूं, दो वर्ष पूर्व मेरे पति ी मृत्यु हो गयी। मेरे पास गांव की कुछ जमीन के सिवा कुछ नहीं है।तीन में से केवल एक बेटी प्राइवेट स्कूल प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती है। बेटियों की शादी में मैने अच्छा दहेज भी दिया था। अब मैं गुजारे के लिये किसके आगे हाथ फैलाऊं? क्या मेरे दामाद मुझे मदद करने के लिए कानूनन जिम्मेदार हैं?
मालती देवी, गाजीपुर

भारतीय दंड संहिता की धारा मी आर पी.सी. १२५ के अनुसार मां बाप अपनी शादी शुदा बेटियों से भी गुजारा भत्ता मांग सकते है।गुजारा भत्ता कितना मिल पायेगा यह स्थिति पर निर्भर करेगा। आप अपनी उस बेटी से गुजारा भत्ता मांग सकती हैं जो प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती है। जो बेटियां नहीं कमा रहीं आप उनसे गुजारा भत्ता नही मांग सकती। आपको यह भी स्पष्ट करना पडेगा कि जमीन से कितनी कमाई होती है और उस कमाई से क्या वाकई गुजारा नहीं चल पा रहा है? इसका मतलब यह भी निकलता है कि मां-बाप को चाहिए कि लड़की को इस काबिल बनाये या बनने में प्रोत्साहित करें ताकि वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके।

मैं २४ वर्षीय नौकरी शुदा युवती हूं, मेरे मां-बाप मेरी मर्जी के खिलाफ मेरी शादी तय कर दी है। मैं अभी कुछ समय अपने कैरियर के प्रति गंभीर रहना चाही हूं तथा अपनी मर्जी से शादी के पक्ष में हूं। क्या मुझे यह अधिकार प्राप्त है? तो कैसे?
-नासिरा अली, लखनऊ
२४ वर्ष की लड़की बालिग होती है इसलिए उसकी मर्जी के बिना उसके मां बाप उसकी शादी नही कर सकते। नासिरा जी आपको कानूनन यह अधिकार है कि आप शादी के लिए मना कर सकती हैं।अधिकार कैसे मिले? का जवाब यह है कि पहले तो आप अपने मा बाप को समझाएं और इसके बाद भी वह न मानें तो आप पुलिस से संरक्षण प्राप्त कर सकती है।अलग हटकर अपने मां-बाप को नोटिस दे सकती हैं या फिर राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत कर सकती हैं। जिसके आधार पर आयोग मां-बाप को सम्मन भेज कर उन्हे शादी न करने के लिए निर्देश भेज सकता है। और नसिरा जी आपको यह लगता है कि मां-बाप के साथ घर में नहीं रह सकती को वर्किंग वूमन होस्टल में रहकर भी आप अपना कैरियर संभाल सकती हैं।

मेरी शादी १७ साल की उम्र में कर दी गयी थी। ससुराल वालों के अत्याचारों से ऊबरकर मैं मायके आ गयी। अब मैं २६ साल की हूं। मायके वाले मेरे भविष्य के प्रति चिंतित नहीं दिखते। मैं ज्यादा पढ़ी -लिखी भी नहीं हूं। क्या करूं?
-इंदु मखीजा, चंडीगढ़
पढ़ी लिखी न होने के बाद भी आप दुकान या छोटी-मोटी नौकरी या व्यवसाय करके अपनी आय का कुछ साधन बनायें यही उचित रहेगा। इंदु जी ससुराल वालों से भी गुजारा भत्ता मांगा जा सकता है और यदि शादी में दहेज दिया है तो वह भी वापस लिया जा सकता है।ससुराल वालो से यह भी पूछा जा सकता है कि यदि वह इंदु को वापस नहीं ले जा रहे है तो उसे तलाक क्यों नही दे रहे? तलाक इसलिए भी आवश्यक है कि चाहते हुए भी आप बिना तलाक के दूसरी शादी नहीं कर सकती इसलिए सबसे पहले तलाक की कार्यवाही शुरु होनी चाहिए। कानून के मुताबिक लडकी सिर्फ पति से ही गुजारा भत्ता मांग सकती है, मां-बाप या भाई से नहीं।आप आर्थिक स्वतंत्रता के लिए अवश्य ही कोई कदम उठायें।

मेरे पति पहले तो कभी-कभी शराब पीथे थे, लेकिन इधर एक साल से वह रोजाना रात में शराब पीकर घर लौटते हैं। इसीलिए हमारा दांपत्य जीवन व परिवार बिखर रहा है, रोज झगड़े होते हैं। समझाने पर वो समझते नहीं?
-रूपा गांगुली, कलकत्ता
आपकी ऐसी समस्या है जिसका आपकी परिस्थितियों में कोई तुरंत या रामवाणनुस्खा गयी है। अधिकांश पुरुष इसके शिकार हैं। रूपा जी आप अकेली अपने पति की आदत को नहीं सुधार सकती इसके लिए आपके मायके और ससुराल वाले सामूहिक रूप से अलग-अलग आपके पति को समझाएं तब वह शराब की आदत को छोड़ पाएंगे इसके लिए उन्हें आप सब लोगों की सहानुभूति भी चाहिए होगी। रूपा जी कई बड़े शहरों में ऐसा नियम है कि जिस महिला का पति शराबी है या उसको ऐसी ही कोई बुरी आदत लगी हुई है तो वह अपने पति के कार्यालय में निवेदन कर सकती है जिसके अन्तर्गत पति का सारा वेतन हर माह उस महिला को दे दिया जाता है ताकि वह अपना और अपने बच्चों का भरण-पोषण कर सके। वैसे एक सलाह यह भी है कि आप कुछ नौकरी वगैरह करके आर्थिक रूप से निर्भर बनने की कोशिश करें।
नोट: लीना मेहेंदले के यह व्यक्तिगत विचार और सुझाव हैं।
प्रस्तुति: चांद खां रहमानी



नवी दिल्ली, बुधवार, ७ मार्च, २००१

सहारा सलाह
समस्याएं महिलाओं की
-लीना मेहेंदले

मैं २४ वर्षीय विवाहिता हूं। एक साल पहले ही मेरी शादी हुई है, लेकिन एक महिने बाद ही मुझे इस बात का अहसास हुआ कि मेरे पति की मित्रता एक दूसरे पुरुष से है। उसके साथ उनके संबंध भी हैं। कुछ समय तक तो मैने सब कुछ बर्दाश्त किया, लेकिन अब मैं यह सब नहीं सह सकती। इस बारे मे मैं किसी से बात भी नहीं कर सकती। मैं क्या कर सकती हूं, कृपया मेरा मार्गनिर्देशन करें।
आरती पंत, दिल्ली
सबसे पहले तो आपको अपनी मनोदशा संभालनी होगी और अपने परिवार के कुछेक सदस्यों को, चाहे वे ससुराल वाले हों, मायके वाले या आपकी सहेलियों मे से हो, अपना राज बताना पड़ेगा। फिर उनकी मदद से पति को समझा-बुझाकर किसी
मनोवैज्ञानिक के पास इलाज के लिए ले जाना पड़ेगा। यदि आपके पति एक ही झटके में अपने संबंध नहीं तोड़ सकते तो उन्हें इसे धीरे-धीरे कम करने के लिए समझाया जा सकता है।महत्वपूर्ण जानकारी आपने नही दी है कि यौन संबंधों के अलावा अन्य बातों मे पति आपके साथ कैसा व्यवहार करते हैं। इस पर भी काफी कुछ निर्भर करता है।

मेरे पति से मेरा तलाक हुए एक साल हो गये, लेकिन अदालत के आदेश के बावजूद उन्होंने हमारे दो साल के बेटे को मुझे नहीं सौंपा। जब मैं उनसे बेटे को सौंपने के बारे में कहती हूं, वह तरह-तरह की धमकियां देते हैं। मैं डरकर उनकी शिकायत भी नहीं कर पाती।
राजेश्वरी, गुरुगांव
आप पति के विरुद्ध अदालत की अवमानना का दावा कर सकती हैं और निर्देश पालन न करने का दावा भी कर सकती हैं। उनके धमकाने परआपको डरने की जरुरत नहीं है। धमकियों के विरुद्ध आप पुलिस में भी शिकायत कर सकती हैं। इस पूरे केस का ब्यौरा देते हुए आप हरियाणा
दर्ज कर सकती हैं।

३ मैं जमशेदपुर की रहने वाली हूं।अपने पांच साल के विवाहित जीवन में अपने पति के कहने पर मुझे चार बार अपना गर्भपात कराना पड़ा है और वह भी, इसलिए क्योंकि हर बारभ्रूण परीक्षण के बाद यह मालूम चला कि मेरे गर्भ में मादा शिशु है। अबकी बार मैं फिर गर्भवती हूं, लेकिन मैं इस बार वह सब नहीं करना चाहती, जो पहले हुआ। चूंकि मेरे माता-पिता, दोनों ही जिन्दा नहीं है और न ही मेरे कोई भाई-बहन है, इसीलिए मैं ससुराल छोड़ भी नहीं सकती। कपया बतायें, मैं क्या करूं?
जेनी इब्राहिम, जमशेदपुर
बार-बार गर्भपात कराना आपके अपने लिए भी अत्यंत बड़ा खतरा है और लिंग परीक्षा के बाद लडकी का गर्भ गिराना एक अपराध भी है। बार-बार गर्भपाति करवाने से आपको कैन्सर या अन्य इन्फेक्शन हो सकता है और जान का खतरा भीहो सकता है। अब भी आप गर्भवती हैं तो सबसे अच्छा यह होगा कि लिंग परीक्षा न करवाएं। इस अपराध में सबसे पहले आपको अर्थात मां को सजा होती है। डॉक्टर, आपके पति या ससुराल वालों को भी सजा हो सकती है। आप पुलिस में लिखित रूप में शिकायत कर सकती हैं कि उन्होंने जबरदस्ती आपका गर्भपात करवाया। लेकिन सबसे अच्छा होगा यदि आप किसी स्वयंसेवी संस्था से इस विषय में बात करें। डाक्टर भी यदि खुद अच्छा है और पैसे का लालची नही है तो वह भी आपके पति को समझा सकता है।

४ मैं ५५ वर्षीय वृद्धा हूं। मेरे पति को गुजरे दो साल हो गये हैं और अब मैं अपने बेटे के साथ रहती हूं, लेकिन मेरी बहू का व्यवहार मुझसे अच्छा नहीं।कई बार सोचती हूं कि घर छोड़कर किसी वृद्धाश्रम चली जाऊं। फिर यह भी लगता है कि जिस मकान में हम रहते हैं, वह मेरे नाम है। मैं किससे मदद मांगू, कृपया बतायें।
शारदा शर्मा, बहराइच
अगर आपका घर आपके नाम से हैं तो आपके अधिकार की सुरक्षा के लिए यह एक अच्छी बात हैं। लड़के और बहू को आपको समझा-बुझाकर चलना
होगा। फिर आपके अपने व्यवहार पर भी बहुत कुछ निर्भर है। क्या आप कभी अपना मन भी टटोलती हैं कि गलती कहीं आपकी तो नही? यदि है तो उसे स्वीकार कर सुधारना पड़ेगा। थोड़ा-बहुत आपको अपनी बहू की पसंद, नापसंद , उमंगो और सपनों का भी खयाल रखना पड़ेगा। पास-पडोस को भी संभाल कर रखिये। अभी तो आपकी उम्र भी काम-काज करने लायक है। इसलिए आपको कोई न कोई काम अवश्य हाथ में लेना चाहिए- चाहे वह पोते-पोतियों का काम ही क्यों न हो।

५ मैं २४ वर्षीय एक अनपढ़ लड़की हूं।आपसे मदद मांगने के लिए अपनी दीदी से पत्र लिखवा रही हूं। बात यह है कि मेरे माता-पिता को मेरे कई साल हो गये हैं और मैं अपनी दीदी-जीजा के साथ रहती हूं। पहले तो सब कुछ ठीक-ठाक था, लेकिन पिछले एक साल से मेरे जीजा ने मेरे साथ दुष्कर्म करना शुरू कर दिया है। विरोध प्रकट करने पर वह मुझे और मेरी दीदी को मारते-पीटते हैं। चूंकि मेरा कोई दूसरा ठिकाना नहीं और न ही मैं पढ़ी-लिखी हूं,
इसलिए मैं घर छोड़कर कहीं जा भी नही सकती। कृपया मुझे रास्ता सुझाइए।
एक पीड़ित, गोपालगंज
सबसे पहले आप अनपढ़ेपन से बाहर निकलिये। कुछ शिक्षा पा लेने के बाद ही आपकी समस्या का कुछ समाधान हो सकता है। पहले तो दीदी को ही मास्टरनी बना कर उससे पढ़ना-लिखना सीखिये। तभी आगे कोई बात बनेगी।
प्रस्तुति: चांद खां रहमानी

देश की प्रगतिमें महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान होते हुए भी वह समाज और मर्दों की दुनिया में शोषण का शिकार है। कभी-कभी मायके वाले भी उसके दुश्मन बन जाते हैं। हालांकि आज की आधुनिक नारी कुछ हद तक आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी हुई है, इसके पश्चात भी उसकी समस्याएं कम नही हुई। महिलाओं की चिंताएं, समस्याएं और सवालों को हम अखबार के माध्यम से हल करना चाहते हैं। महिलाओं द्वारा भेजे गये सवालों का जवाब देंगी जानी-मानी महिला समस्याओं की विशेषज्ञ व राष्ट्रीय महला आयोग की संयुक्त सचिव लीना महेंदले। हमें महिलाओं के पत्रों की प्रतिक्षा रहेगी।

सहारा सलाह
समस्याएं महिलाओं की
रिस्पॉन्स सेल,
राष्ट्रीय सहारा, सी-,,, सेक्टर-११, नोएडा (.प्र) २०१३०१
फोन- 91-4553905, 4540610 फैक्स-91-4550750, 744
-मेल- rsahara@del2.vsnl.net.in

नयी दिल्ली, बुधवार १४ मार्च, २००१
सहारा सलाह
समस्याएं महिलाओं की
-लीना मेहेंदले

. मेरी शादी के बारह वर्ष हो गये, लेकिन मेरे संबंध कभी पति-पत्नी की तरह नहीं रहे।फलतः हमारी कोई संतान भी नहीं है, इसका कारण यह है कि मेरे पति की शादी उनकी इच्छा के विरुद्ध हुई थी। हम एक ही छत के नीचे रहते हुए भी अजनबी की तरह रह रहे हैं। जबकि हमारे ससुराल वाले चाहते हैं कि हमारा दाम्पत्य जीवन सुखद हो। लेकिन इधर दो वर्षों से मेरे पति का संबंध दूसरी लड़की से हो गया है। वे उनसे शादी करना चाहते हैं। मुझे कानूनन क्या अधिकार मिलेगा, हमें जानकारी दें।
रूपा महता, कंकड़बाग, पटना
शादी के बारह वर्ष तक आप मानसिक यातनाएं झेलती रहीं। आप के प्रश्न से साफ जाहिर है कि इतने वर्षों तक आप किसी निर्णय पर नही पहुंच सकी कि आपको क्या करना चाहिए। कानूनन आपको तलाक देने के
लिएकाई बाध्य नहीं कर सकता और पत्नी का भी हक नही बन सकता। चूंकि पति की अनिच्छा से संबंध टला है, अतः कानूनन आपका पत्नी बने रहने का अधिकार सुरक्षित है।व्यावहारिक उलझंन के लिए आपको कोई दूसरा उपाय खोजना पड़ेगा। मसलन किसी अच्छे काम की ओर प्रवृत होने से है। वैसे ससुराल वालों से मिलकर आप पति को समझाने का भी प्रयास कर सकती है। आप जैसी दूसरी बहनों के लिए यही कहूंगी कि वे समस्या का हल खोजने में इतनी देर न करें।

२ मेरी उम्र २० साल है। तीस वर्षीय मेरा पड़ोसी पिछले पांच सालों से मेरा शारीरिक शोषण कर रहा है। शुरु में हमारे संबंध स्वेच्छा से हुए थे। उसने न जाने कब आपत्तिजनक स्थिति मे मेरी तस्वीर खींच ली। अब वह तस्वीर दिखा देने तथा लोगों को बता देने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रहा है। अब मेरी शादी दूसरी जगह होने वाली है। मैं इससे कैसे छुटकारा पा सकती हूं।
रीना, सहगल मेरठ
ब्लैकमेल करना एक अपराध है इस में कडी सजा मिल सकती है।अतः आप पुलिस की सहासता से ब्लैकमेलर को पकडवाने का प्रयास कर सकती है।

मैं २० वर्षीय मेरठ संरक्षण गृह की संवासिनी हूं। मैं १२ वीं की छात्रा हूं। यहां पुनर्वास के नाम पर सिर्फ संवासिनियों की शादी करवायी जाती है। लेकिन मैं शादी करना नहीं चाहती। मैं अपने पैरों पर खड़ा होकर कुछ करना चाहती हूं। यहा नौकरी नहीं दिलायी जाती। नतीजतन यहां से निकलने का दूसरा रास्ता नहीं है। मैं स्वेच्छा से जीवन बरस भी नही कर सकती। संरक्षण गृह से बाहर निकलने तथा नौकरी दिलाने में आप क्या सहायता कर सकती हैं, मुझे जानकारी दें।
अंजू, मेरठ संरक्षण गृह
आप बालिग हैं, आपके इच्छा के विरुद्ध न तो कोई आपको संरक्षणगृह में रख सकता है और न ही शादी करवा सकता है।आपकी शिक्षा कहां तक हुई है? परिवार में प्रारंभिक सहायता कौन-कौन दे सकता है, यह सब जाने बगैर आपकी अन्य समस्याओं का उत्तर नही दिया जा सकता।

मैं १७ वर्षीय १२ वीं की छात्रा हूं। मैं अपने मौसेरे भाई से प्रेम करती हूं। वह भी मुझसे शादी करना चाहता है। उसकी उम्र २२ वर्ष है। क्या हम दोनों शादी कर सकते हैं। कानूनी अड़चने तो नही आयेंगी। कृपया सलाह दें।
रचना वर्णवाल, गाजियाबाद
आपकी उम्र १७ साल है अर्थात् कानूनन अभी आपको न शादी की अनुमति है और न शारीरिक संबंध बनाने की। अच्छा होगा यदि आप एक साल और पंढ़ाई में मन लगायें। १८ वर्ष की आयु पूरी होने पर आपको शादी की अनुमति मिलेगी। वैसे यदि दोनों परिवार हिन्दू विधान से शादी करवाते हैं तो उसे कानूनन मान्यता है।

मैं ४० वर्षीय महिला हूं। मेरी शादी हुए लगभग २० वर्ष हो गये हैं। १० वर्ष से मैं अपने पति से अलग रह रही हूं। क्या मैं दूसरा विवाह कर सकती हूं।
कल्पना शर्मा, लक्ष्मीनगर, दिल्ली
कल्पना जी, आपने यह नहीं बताया कि आपका अपने पति से तलाक हुआ है या नही। यदि तलाक नहीं हुआ है, तो कानूनन आप तब तक शादी नहीं कर सकती जब तक कि आपका विधिवत तलाक नहीं हो जाता। यदि आप दूसरा विवाह कर भी लेती है तो उसे कानूनन मान्य नही समझा जायेगा। यह जरूरी है कि शादी करने के पूर्व अपने पहले पति से तलाक ले ले।

मैं ६० वर्षीय अनाथ महिला हूं। मेरे पास आय का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। परिवार में ऐसा कोई शुभचिन्तंक नहीं जो मेरी देखभाल कर सके। मैं ऐसी जगह जाना चाहती हूं जहां मुझे दो वक्त की रोटी और मेरी देखभाल हो सके।
पार्वती देवी, भिवानी, हरियाणा
समाज कल्याण विभाग व कुछ स्वयंसेवी संगठनों संस्थाओं द्वारा देश के सभीराज्यों में कई वृद्धाश्रम चलाये जा रहे हैं। आपको वहां भर पेट भोजन और देखभाल की सुविधा मिल सकेगी।इसके लिये आप अपने राज्य के समाज कल्याण विभाग से सम्पर्क करें।
नोट: लीना मेहेंदले के यह व्यक्तिगत विचार और सुझाव हैं।
प्रस्तुति: अनिता कर्ण

देश की प्रगति में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान होते हुए भी वह समाज और मर्दों की दुनिया में शोषण का शिकार है। कभी मर्द उसे छोड़ देता है तो कभी वह ससुराल की तरफ से पीड़ित है। कभी-कभी मायके वाले भी उसके दुश्मन बन जाते हैं। हालांकि आज की आधुनिक नारी कुछ हद तक आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी हुई है, इसके पश्चात भी उसके समस्याएं कम नहीं हुई। महिलाओं की चिंताएं समस्याएं और सवालों को हम अखबार के माध्यम से हल करना चाहते है। महिलाओं द्वारा भेजे गये सवालों का जवाब देंगी जानी-मानी महिला समस्याओं की विशेषज्ञ व राष्ट्रीय महिला आयोग की संयुक्त सचिव लीना महेंदले। हमें महिलाओं के पत्रों की प्रतीक्षा रहेगी।



11-3-2001

सहारा सलाह
समस्याएं महिलाओं की
-लीना मेहेंदले

. महिलाओं से संबंधित कार्य करने वाली सामाजिक संस्थाओं को सरकार से आर्थिक सहायोग कैसे मिल सकता है?
सरकार के कई कार्यक्रम स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से चलाये जाते हैं, जिसके लिए उन्हे आर्थिक सहयोग दिया जाता है। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा पारिवारिक महिला लोक अदालत या कानूनी जागरूकता या जनसुनवाई के कार्यक्रमों के लिए साथ ही सेमिनार या रिसर्च स्टडी के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है। इसी प्रकार केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड व राष्ट्रीय महिला कोष का काम भी स्वयंसेवी संस्थाओं को आर्थिक सहयोग देना है। कई अन्य कार्यक्रमों के लिए भी केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रालय द्वारा आर्थिक सहायता
दी जाती है।

. मैं एक विधवा औरत हूं। मेरी तीन बेटियाँ हैं। दोनों के विवाह के समय उन्हें दस-दस बीघा जमीन दी थी। मेरे पास और दस बीघा जमीन है, लेकिन तीसरी बेटी की शादी पर मैं वह दहेज में नहीं देना चाहती, क्योंकि बाद में मेरे पास अपना कुछ नही रह जाएगा और मैं अपना बुढ़ाया कैसे काटूंगी?
रत्नावाली, चित्रकूट
आपका उदाहरण दूसरों को चेताने के लिए अच्छा है। बडे बेटे-बेटियों के लिए कुछ जुटाते समय लोग अक्सर छोटों का विचार नहीं करते, लेकिन आपकी छोटी बेटी अभी तो आपके ही पास है और जमीन भी। आप अपना एक मृत्युपत्र तैयार कर सकती है। उसमे यदि आप कहे कि जमीन आपके पास रहेगी और आपकी मृत्यु के उपरांत वह तीसरी बेटी को मिलेगी, लेकिन उसे ‘दहेज’ के नाम से मत पुकारिये क्योंकि दहेज देना कानूनन अपराध है। बड़ी बेटियो को दी हुई जमीन वापस मांगने के लिए यह देखना पड़ेगा कि जमीन देते समय आपने जमीन देने
का क्या कारण बताया, लिखा-पढ़ी के कागजों में क्या-क्या लिखा और क्या शर्ते रखी है। यदि ‘स्त्रीधन’ के नाम से दोनों बड़ी बेटियों को जमीन दी है तो आप उसे वापस नही मांग सकती।

. पिछले वर्ष मैने अपनी छोटी बहन की शादी की थी, लेकिन ससुराल वाले उसे कभी भी हमसे मिलने नही भेजे, न ही उसे फोन पर बात करने देते हैं। हम उसके घर जाकर मिलना चाहें तो हमें मिलने नहीं दिया जाता। उसकी कुशलता हम कैसे जानें?
प्रदीप, महिलापुर
ससुराल जाने वाली लड़की को अपने मैके में किसी से न मिलने देना या फोन पर बात तक न करने देना एक मानसिक उत्पीड़न अवश्य माना जा सकता है, इसके विरुद्ध आपकी बहन को आवाज उठानी चाहिए। लेकिन क्या आपने भी शादी के समय सारी बाते ससुराल वालों से नही की थी? क्या नही देखा था कि उनकी मानसिका कैसी है। खै़र! यदि आपको आशंका है कि बहन को मानसिक या शारीरिक रूप से उत्पीड़ित किया जा रहा है, तो आपकी आशंका का पूरा
ब्यौरा और कारण बताते हुए आप पुलिस मे या महिला आयोग में दरखास्त दे सकते है ताकि उनके माध्यम से आप अपनी बहन से एक बार मिल कर खुद सारी बातें पूछ सकें और उसके सुरक्षित होने की तसल्ली कर लें।

. हम एक वृद्ध पति-पत्नी है और अपने ही घर में रहते हैं। मेरे लड़के की शादी हुए पांच साल हो गये और वे दोनों भी हमारे पास ही रहते हैं।बहू के पिता भी बूढे हैं और उनका अपना कोई और परिवार नहीं है। बहू चाहती है कि उसके पिता भी उसके पास अर्थात् हमारे ही घर पर रहें। इस कारण हमारे घर मे मनमुटाव आरंभ हो गया है। कृपया सुझाव दें?
किशोरी मल साहू, माधवपुर
मैं तो यही कहूंगी कि आप इस प्रश्न को अपनी बहू की दृष्टि से भी देखिये। यदि उसके वृद्ध पिता के घर में उनकी देखभाल करने वाला कोई नही है, तो यह स्वाभाविक है कि आपकी बहू उनके लिए चिंतित होगी।यदि आपका कोई प्रिय मित्र वृद्ध हो और अकेला पड जाए तो आप उसे शायदअपने घर में रखना चाहेंगे और बहू से उसके इंतजाम की भी अपेक्षा रखेंगे। इस घटना को भी उसी रूप में देख सकते है। अभी तत्काल तो यह रास्ता निकल सकता है कि आपके समधी आपके घर में पेइंग गेस्ट बनकर रहे या आके घर के पास ही कोई किराये का मकान ले ले ताकि आपकी बहू उन्हे रोज मिलकर आश्वस्त हो सके। उनकी आयु और स्वास्थ्य के विचार से ही यूह सारे निर्णय लिए जा सकते हैं। यदि आप अपनी बहू के मन को समझ कर उससे सहानुभूति रखेंगे तो आपके घर के मानसिक तनाव खत्म हो जाएंगे।
नोट- लीना मेहेंदले के यह व्यक्तिगकी विचार और सुझाव हैं।
प्रस्तुति- अनिता कर्ण

देश की प्रगति मे महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान होते हुए भी वह समाज और मर्दों की दुनिया में शोषण का शिकार है। कभी मर्द उसे छोड देता है तो कभी वह ससुराल की तरफ से पीड़ित है। कभी-कभी मायके वाले भी उसके दुश्मन बन जाते हैं। हालांकि आज की आधुनिक नारी

कुछ हद तक आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी हुई है, इसके पश्चात भी उसकी समस्याएं कम नही हुई। महिलाओं की चिंताए समस्याएं और सवालों को हम अखबार के माध्यम से हल करना चाहते हैं। महिलाओं द्वारा भेजे गये सवालो का जवाब देगी जानी-मानी महिला समस्याओं की विशेषज्ञव राष्ट्रीय महिला आयोग की सयुक्त सचिव लीना मेहेंदले हमें महिलाओं के पत्रों की प्रतीक्षा रहेगी।
-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

२५ अप्रैल२००१
सहारा सलाह
समस्याएं महिलाओं की
-लीना मेहेंदले

. मेरे पति की उम्र २२ वर्ष तथा मेरी उम्र २० वर्ष है। मेरी शादी को एक वर्ष हुआ है। मेरे पति दिल्ली में नौकरी करते हैं। इसलिये वे महीने में एक दो दिनों के लिये ही घर आते हैं। घर में मैं अकेली औरत हूं। सास या ननद नहीं है सिर्फ देवर व ससुर हैं। मेरे ससुर मेरे ससुर की उम्र लगभग ४२वर्ष है। वे जवान और सुन्दर हैं। शुरू मे उनका व्यवहार मेरे साथ दोस्ताना था जिसके कारण मै उनके करीब आ गायी। अब हम दोनों के बीच संबंध बन गया हैं। कहीं यह बात मेरे पति को न पता चल जाये। मैं क्या करू बड़ी उल्झन में हूं सुझाव दें।
सुनीता, मेरठ
कानून की दृष्टि में आपके ससुर अपराधी है और आपके पति शिकायत करें तो आपके ससुर को दंड हो सकता है, लेकिन आपकी असली समस्या कुछ और है। ससुर के साथ संबंध खत्म करना ही उचित होगा। अच्छा हो कि कुछ दिनों के लिये आप मायके चली जाये बाद में पति के साथ अलग रहना शुरू करें।आप अपने देवर की शादी करने के बाद जहां तक संभव है, आपको अपने ससुर की दूसरी शादी करवा देनी चाहिये, लेकिन इसके लिये आपको अपना मन मजबूत करना पड़ेगा। यदि आप का ही मन ससुर के लिये लालायित रहेगा तो इस समस्या का अन्त नहीं है।

. मैं ३२ वर्षीय महिला हूं। मैने अपनी पसंद से शादी की थी। उस समय मेरी उम्र २२ वर्ष तथा मेरी पति की उम्र २० वर्ष थी। हमारी शादी आर्यासमाज रीति से हुई थी।मेरी शादी में मेरे तथा मेरे पति के अभिभावक नही आये थे। इस लिये दोनों ने ही इस शादी को स्वाकार नही किया। अब वर्षो बाद वे लोग (ससुराल वाले) मेरे पति को समझा-बुझाकर दूसरी शादी करना चाहते है, जबकि मेरी एक बेटी भी है। अब वे हमें का भरण-पोषण के लिये पैसा भी नहीं देते। वे इस शादी को ही अवैधानिक साबित करना चाहते हैं।
मुझे सलाह दें, मै क्या करू?
सुप्रिया त्रिपाठी, गोरखपुर
यदि आपने शादी के बाद दस वर्ष पति के साथ गुजारे हैं तो क्या वे गुमनाम रह कर बिताये थे? आपके रिश्तेदारों को पता होगा। बेटी के जन्मदिन पर, अन्य त्यौहार में या ससुराल में किसी शादी व्याह के समारोह में, कई जगह आप शामिल हुई होंगी। इन सारे प्रमाणों को मिटाना आसान नही है। बच्ची को आपने नर्सरी स्कूल में डाला होगा। वहां पिता के नाम पर आपके पति का नाम लिखा होगा। राशन कार्ड भी होगा। इसलिये आपको अपनी समस्या विस्तार से बताना होगा।आर्यासमाजी ढंग से भी जिस मंदिर में आपकी शादी हुई है, वहां उसका रिकार्ड भी होगा। आप के पास शादी का प्रमाणपत्र है या नही? आपकी समस्या से और लोगों को सबक लेना चाहिये कि शादी को अवश्य पंजीकृत कराये।

. मैं ४२ वर्षीय महिला हूं। आज से बीस वर्ष पूर्व मेरी शादी हुयी थी। सब कुछ वर्षों तक तो समान्य ढंग से चलता रहा। लगभग आठ वर्ष
पूर्व मेरे व मेरे पति के बीच वैचारिक तनाव उत्पन्न हो गया, जिसके कारण हम दोनों का अलगाव हो गया। लगभग ७ वर्षों से मैं तथा मेरी १८ वर्षीय बेटी अलग रह रहें हैं। मेरे पति मुझे तथा मेरी बेटी को भरण-पोषण तक के लिये पैसा नहीं देते। यहां तक कि छह वर्ष पूर्व उन्होंने मुझ से बिना तलाक लिये दूसरा विवाह भी कर लिया है। मुझे सलाह दें क्या करना चाहिये?
लोपामुद्रा, कानपूर
जहां तक पति के दुसरा विवाह का प्रश्न है, आप तुरंत पुलिस में उनके विरुद्ध केस दर्ज करा सकती है, जिसके उन्हें सजा हो सकती है। इसके अलावा आप गुजारा- भत्ता पाने के लिये कोर्ट में आवेदन दे सकती है और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १२५ के अंतर्गत आपको तथा आपकी लड़की को अलग-अलग- भत्ता मिल सकता है। लड़की को तब तक गुजारा मिल सकता है, जब तक उसकी शादी न हो जाती है। आपकी अपनी आय चाहे जितनी हो, फिर भी आपकी बेटी पिता से तथा आप अपने पति से गुजारा मांग सकती है।

. मैं २४ वर्षीय महिला हूं। दो वर्ष पूर्वमेरी शादी हुयी थी। मैं एक निजी संस्थान में नौकरी करती हूं। पिछले डेढ सालों से आपसी मतभेद के कारण हम अलग-अलग रह रहे है। अब स्थिति यह है कि न तो हमारे बीच सुलह हो पा रही है और न तलाक की ही स्थिती है। मुझे सलाह दें।
सरोज गोयल, मेरठ
आप दोनो के बीच सुलाह होगी या नही यह केवल आप दोनों पर ही निर्भर करता है। आप अपने रिश्तेदारों की तथा परिवार की मदद ले सकती हैं या राष्ट्रीय महिला आयोग में भी जा सकती है, जहां आपकी सुलह या आपसी सलाह से तलाक या संपत्ति का आदान-प्रदान आदि बातें तत्काल पूरी हो सकती है।

. मेरी शादी के दस वर्ष हो गये है, तब से मै संयुक्त परिवार मे रहती आ रही हूं। मेरे साथ सास, जेठानी, देवरानी व एक ननद है। मेरी सास का व्यवहार हमेशा से ही मेरे साथ खराब रहा है, लेकिन इधर देवरानी के घर में आने के बाद वे खुलेआम
अपमान व उत्पीड़ीन करने लगी हैं। पति से कहने पर वे मेरी ही गलती बता कर चुप रहने को कहते हैं। मुझे बतायें कि ऐसी परिस्थिति मे मैं क्या करूं?
रीता वर्मा, रामपुर
शादी के बाद दस वर्ष तक आप संयुक्त परिवार मे रही हैं। अब सबसे छोटी देवरानी के आने के बाद उसे सम्मान मिल रहा है और आपको उत्पीड़न तो आपको अपना व्यवहार भी कही न कही जांच परखकर देखना चाहिये।कई बार ऐसा भी हो जाता है कि बड़े परिवार का एकाघ सदस्य बद अच्छा बदनाम बुरा वाले मुहावरे की तरह आंख का काटा बन जाता है, भले ही उसकी कोई और वजह हो या न हो। यदि मनमुटाव बहु गहराई तक पैठ गया है तो इसका इलाज मुश्किल है। आप पति से सलाह कीजियें और घर वातावरण सुलझाने में आपसे जो बन सकता है कीजिये।
नोट- लीना मेहेंदले के यह व्यक्तिगत विचार और सुझाव हैं।
प्रस्तुति- अनिता कर्ण
नयी दिल्ली, बुधवार १४ मार्च, २००१
सहारा सलाह
समस्याएं महिलाओं की
-लीना मेहेंदले

. मेरी शादी के बारह वर्ष हो गये, लेकिन मेरे संबंध कभी पति-पत्नी की तरह नहीं रहे।फलतः हमारी कोई संतान भी नहीं है, इसका कारण यह है कि मेरे पति की शादी उनकी इच्छा के विरुद्ध हुई थी। हम एक ही छत के नीचे रहते हुए भी अजनबी की तरह रह रहे हैं। जबकि हमारे ससुराल वाले चाहते हैं कि हमारा दाम्पत्य जीवन सुखद हो। लेकिन इधर दो वर्षों से मेरे पति का संबंध दूसरी लड़की से हो गया है। वे उनसे शादी करना चाहते हैं। मुझे कानूनन क्या अधिकार मिलेगा, हमें जानकारी दें।
रूपा महता, कंकड़बाग, पटना
शादी के बारह वर्ष तक आप मानसिक यातनाएं झेलती रहीं। आप के प्रश्न से साफ जाहिर है कि इतने वर्षों तक आप किसी निर्णय पर नही पहुंच सकी कि आपको क्या करना चाहिए। कानूनन आपको तलाक देने के
लिएकाई बाध्य नहीं कर सकता और पत्नी का भी हक नही बन सकता। चूंकि पति की अनिच्छा से संबंध टला है, अतः कानूनन आपका पत्नी बने रहने का अधिकार सुरक्षित है।व्यावहारिक उलझंन के लिए आपको कोई दूसरा उपाय खोजना पड़ेगा। मसलन किसी अच्छे काम की ओर प्रवृत होने से है। वैसे ससुराल वालों से मिलकर आप पति को समझाने का भी प्रयास कर सकती है। आप जैसी दूसरी बहनों के लिए यही कहूंगी कि वे समस्या का हल खोजने में इतनी देर न करें।

२ मेरी उम्र २० साल है। तीस वर्षीय मेरा पड़ोसी पिछले पांच सालों से मेरा शारीरिक शोषण कर रहा है। शुरु में हमारे संबंध स्वेच्छा से हुए थे। उसने न जाने कब आपत्तिजनक स्थिति मे मेरी तस्वीर खींच ली। अब वह तस्वीर दिखा देने तथा लोगों को बता देने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रहा है। अब मेरी शादी दूसरी जगह होने वाली है। मैं इससे कैसे छुटकारा पा सकती हूं।
रीना, सहगल मेरठ
ब्लैकमेल करना एक अपराध है इस में कडी सजा मिल सकती है।अतः आप पुलिस की सहासता से ब्लैकमेलर को पकडवाने का प्रयास कर सकती है।

मैं २० वर्षीय मेरठ संरक्षण गृह की संवासिनी हूं। मैं १२ वीं की छात्रा हूं। यहां पुनर्वास के नाम पर सिर्फ संवासिनियों की शादी करवायी जाती है। लेकिन मैं शादी करना नहीं चाहती। मैं अपने पैरों पर खड़ा होकर कुछ करना चाहती हूं। यहा नौकरी नहीं दिलायी जाती। नतीजतन यहां से निकलने का दूसरा रास्ता नहीं है। मैं स्वेच्छा से जीवन बरस भी नही कर सकती। संरक्षण गृह से बाहर निकलने तथा नौकरी दिलाने में आप क्या सहायता कर सकती हैं, मुझे जानकारी दें।
अंजू, मेरठ संरक्षण गृह
आप बालिग हैं, आपके इच्छा के विरुद्ध न तो कोई आपको संरक्षणगृह में रख सकता है और न ही शादी करवा सकता है।आपकी शिक्षा कहां तक हुई है? परिवार में प्रारंभिक सहायता कौन-कौन दे सकता है, यह सब जाने बगैर आपकी अन्य समस्याओं का उत्तर नही दिया जा सकता।

मैं १७ वर्षीय १२ वीं की छात्रा हूं। मैं अपने मौसेरे भाई से प्रेम करती हूं। वह भी मुझसे शादी करना चाहता है। उसकी उम्र २२ वर्ष है। क्या हम दोनों शादी कर सकते हैं। कानूनी अड़चने तो नही आयेंगी। कृपया सलाह दें।
रचना वर्णवाल, गाजियाबाद
आपकी उम्र १७ साल है अर्थात् कानूनन अभी आपको न शादी की अनुमति है और न शारीरिक संबंध बनाने की। अच्छा होगा यदि आप एक साल और पंढ़ाई में मन लगायें। १८ वर्ष की आयु पूरी होने पर आपको शादी की अनुमति मिलेगी। वैसे यदि दोनों परिवार हिन्दू विधान से शादी करवाते हैं तो उसे कानूनन मान्यता है।

मैं ४० वर्षीय महिला हूं। मेरी शादी हुए लगभग २० वर्ष हो गये हैं। १० वर्ष से मैं अपने पति से अलग रह रही हूं। क्या मैं दूसरा विवाह कर सकती हूं।
कल्पना शर्मा, लक्ष्मीनगर, दिल्ली
कल्पना जी, आपने यह नहीं बताया कि आपका अपने पति से तलाक हुआ है या नही। यदि तलाक नहीं हुआ है, तो कानूनन आप तब तक शादी नहीं कर सकती जब तक कि आपका विधिवत तलाक नहीं हो जाता। यदि आप दूसरा विवाह कर भी लेती है तो उसे कानूनन मान्य नही समझा जायेगा। यह जरूरी है कि शादी करने के पूर्व अपने पहले पति से तलाक ले ले।

मैं ६० वर्षीय अनाथ महिला हूं। मेरे पास आय का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। परिवार में ऐसा कोई शुभचिन्तंक नहीं जो मेरी देखभाल कर सके। मैं ऐसी जगह जाना चाहती हूं जहां मुझे दो वक्त की रोटी और मेरी देखभाल हो सके।
पार्वती देवी, भिवानी, हरियाणा
समाज कल्याण विभाग व कुछ स्वयंसेवी संगठनों संस्थाओं द्वारा देश के सभीराज्यों में कई वृद्धाश्रम चलाये जा रहे हैं। आपको वहां भर पेट भोजन और देखभाल की सुविधा मिल सकेगी।इसके लिये आप अपने राज्य के समाज कल्याण विभाग से सम्पर्क करें।
नोट: लीना मेहेंदले के यह व्यक्तिगत विचार और सुझाव हैं।


१८ मार्च २००१
सहारा सलाह
समस्याएं महिलाओं की
-लीना मेहेंदले


. मैं ११ वीं कक्षा की छात्र हूं। मेरी मां बचपन मे ही मर गयी थी, उस समय मै पांच साल की तथा मेरा छोटा भाई दो साल का था। पिता ने मेरी मां की मौत के तीन साल बाद ही दूसरी शादी कर ली थी। शुरू में मेरी नयी मां का व्यवहार हमारे साथ अच्छा रहा। बाद में उसका व्यवहार बदल गया। अब वह हम दोनो भाई बहनों के साथ दुर्व्यवहार करती है। मार-पीट, शारीरिक व मानसिक यातनायें देती है। बताये कि मुझे क्या करना चाहिये?
श्रेया खेतान, दिल्ली
तुम्हारे साथ शारीरिक शोषण कैसा होता है, यह तुम्हें साफ-साफ बताना चाहिये। बच्चों को मारपीट करना कानून की आंखो में गंभीर अपराध है और तुम पुलिस में या महिला आयोग या राज्य के मानवाधिकार अयोग में जा सकती हो, लेकिन उससे पहले तुम्हारे कोई ऐसे रिश्तेदार नहीं बचना चाहिए जो तुम्हारे पिता को समझा न चुका हो, मसलन दादा-दादी, चाचा, बुआ, नानी, मामा, मौसी आदि? तुम अपने स्कूल के प्रिंसिपल से भी बिनती कर सकती हो कि वे पिता को बुला कर समझायें। क्या तुम्हारे सौतेले भाई-बहन है? यदि हां तो तुम बड़े होने के नाते उनके साथ कैसा व्यवहार करते हो, यह भी तुम्हें देखना पड़ेगा।

. मैं एक मुसलमान लड़की हूं। मेरे पति ने दूसरी शादी कर मुझे व मेरी बच्ची को मायके भेज दिया है और कोई गुजारा नहीं देता। मेहर रकम तथा तीन महीने के गुजारे की रकम मुझे देने की पेशकाश कर चुका है, लेकिन मैने लेने से मना कर दिया था. अतः उसका कहना है कि उसे तलाकशुदा घोषित किया जाए। क्या मुझे कोई हक नहीं?
नसरीन, फरीदाबाद
मुसलमान धर्मग्रंथों के मुताबिक भी पति दूसरी शादी तभी कर सकता है, जब वह दोनों बीवियों से समान रूप से व्यवहार करे और दोनों का समान रूप से ख्याल रखे।
तलाक चाहने पर गुजारा भी केवल तीन महीने का नही बल्कि पूरी उम्र का देना पडेगा, जैसा कि हाल में मुंबई के हाईकोर्ट ने फैसला दिया है। इसके अलावा आप भारतीय दंड संहिता की धारा 125 के तहत भी गुजारा भते की मांग सकती है।

. मैं ३५ वर्षीय महिला हूं। मेरी शादी को १ वर्षहो गये। मेरी तीन बेटी है। पिछले दो वर्षो से मेरे पति व ससुराल वाले मेरे मायके वालों से दहेज की मांग, कर रहें हैं। इसके लिए वे लोग मुझे तथा मेरी बेटियों को शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न देते रहे हैं। यहां तक कि उन्होने मुझे जान से मारने की कोशिश भी की। क्या पति व ससुराल वालों पर दहेज मांगने व गुजारा भत्ते की मांग का मामला दर्ज किया जा सकता है।
शशि जैन, मेरठ
शादी के सात वर्ष बाद पति आपसे दहेज मांगना शुरू करे यह बात कुछ समझ में नयी आयी। आप शारीरिक यातनाओ के विरुद्ध भी रपर्ट दर्ज करा सकती है और दहेज मांगने के बाबत भी गुजारा भत्ते के लिये भी आप भारतीय दंड संहिता की धारा १२५ के अंतर्गत पुलिस व कोर्ट में जा सकती हैं या फिर राष्ट्रीय महिला आयोग में विस्तार से अपनी शिकायत भेज सकती हैं। गुजारा भत्ता केवल आपको ही नही, लड़कियों को भी मिलेगा।

. मैं २५ वर्षीय लड़की हूं। मुझे एक लड़के से प्यार है। हम दोनो के बीच शारीरिक संबंध हो गया, जिसका कारण मैं गर्भवती हो गयी हूं। मेरे पेट में दो माह का गर्भ है। वह लड़का मुझ से शादी करना चाहता है, लेकिन मेरे माता-पिता उसे पसंद नहीं करते। मरे गर्भवती होने की बात भी उन्हें पता नहीं है। मुझे क्या करना चाहिए, सलाह दें।
राखी शर्मा, कानपुर
आप बालिग है। यदि लड़का आपसे शादी करने के लिये तैयार है तो आपको रजिस्टर्ड मैरिज कर लेना चाहिये, वरना गर्भ की बात कितने दिनों तक छुपी रहेगी? फिर इस दौरान जो मानसिक तनाव होगा उसका गर्भ पर बडा असर पड़ सकता है। आपको तुरंत रजिस्टर्ड मैरेज कर
लेना चाहिये।

. मैने अपनी इच्छा से विवाह किया है, जिसके कारण मेरे पति के माता-पिता नाराज रहते हैं तथा मेरे पति के पास पैतृक संपत्ति के साथ-साथ उनके माता पिता द्वारा अर्जीत संपत्ति भी है। हमारे सास-ससुर दोनो संपत्ति में मेरे पति को हिस्सा देना नहीं चाहते, मुझे बताये कि हमे क्या कहना चाहिये?
सीमा जैन, दिल्ली
आपके संसुर की अपनी मेहनत से कमाई संपत्ति में आमके पति को कोई हक नहीं बनता है। पैतृक संपत्ति मे अवश्य ही आपके पति हक मांग सकते है और मिलने पर सिविल कोर्ट में केस कर सकते है। दूसरी ओर आप यह भी सोच सकती हैं कि यदि पति की कमाई ठीक-ठाक है तो और आप दोनों आपस में खुश हैं तो असल कमाई तो आप ने पा ली। आगे की सलाह इस बा पर निर्भर करेगी कि आपके पति के अन्य भाई-बहन कितने है और आपका उनसे व्यवहार कैसा है।
प्रस्तुति- अनिता कर्ण
२१ मार्च २००१
सहारा सलाह
समस्याएं महिलाओं की
-लीना मेहेंदले

. मैं सुबह ११.०० से २.०० बजे तक खाली रहती हूँ। मेरी रूचि सामाजिक कार्योमे है। इस खाली समय को मैं किसी सामाजिक कार्य मैं लगाना चाहती हूँ, मैने समाजशास्त्र व इतिहास मैं कोर्स किया है। सलाह दे कि हम समय का उपयोग कैसे किया जाए।
मीरा गुप्ता, ए ७६, सेक्टर-१७, नोएडा
आपको अच्छा खासा खाली समय मिल रहा है। आप इसका उपयोग कई तरह से कर सकती हैं।आप कोई शिशु-घर या झूला -घर चला सकती हैं। पास-पड़ोस के बच्चों को जो स्कूल नहीं जा पाते उन्हें पढ़ा सकती हैं।यदि कम्प्यूटर खरीद सकतीहो तो उस पर काम करने के लिए आपको काम भी मिल सकते हैं। आप कोई अन्य छोटा-मोठा व्यवसाय आरंभ कर सकी है, मसलन घरेलू दवाईयां बनाना, ब्यूटी पार्लर चलाना आदि। आपके पास-
पड़ोस मे सामाजिक कार्य करने वाली संस्थाएं हो तो , आप उनके साथ काम कर सकती है। रामकृष्ण मठ, बहाई सेंटर आदि पूरे देश भर में बड़े पैमाने पर काम करनेवाले संगठनों के साथ भी आप जुड़ सकती हैं।

. मैं एक विधवा औरत हूँ। मेरे तीन लडके हैं। एक लडका विकलांग है। मेरे पति की मृत्यु को १२ वर्ष हो गए है। मै अपनी ससुराल में रहती हूँ। मेरे देवर हमसे अलग रहते हैं लेकिन हमेशा मुझे तथा मेरे बच्चों को परेशान करते रहते हैं। कभी २तो मारपीट पर उतर आते हैं और शराब पीकर गन्दी २ गालियां देते हैं। मेरे तीनों बच्चे पढ़ते हैं।उनकी ऐसी हरकतों से बच्चे परेशान रहते हैं। क्या मैं महिला आयोग में केस डाल सकती हूँ? कृपया मेरी समस्या का समाधान बताए।
रामवती, चिराग दिल्ली
आप बिलकुल बेझिझक पुलिस में या आयोग में केस डाल सकती है। क्योंकि शराब पीकर किसी महिला या बच्चे को पीटना एक बड़ा अपराध है और यदि वे आपसे अलग रहते हैं और
आपके घर में घुसकर मार-पीट करते हैं? फिर तो यह और भी बड़ा अपराध है। साथ ही आपके सास-ससूर, देवरानी या अन्य रिश्तेदारों के आपसे संबंध कैसे है- यह भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि ऐसी हालत में आप उनसे भी मदद ले सकती हैं।

. मैं एम..पास घरेलू महिला हूँ। मैं जानना चाहती हूँ कि महिलाओं की स्थिति सुधारने का प्रयास सरकार किन संस्थाओं के माध्यम से करती है?
सुजाता तनेजा राजेन्द्र नगर दिल्ली
इसके लिए केन्द्र सरकारों व राज्य सरकारों में महिला एवं बाल का भी गठन किया जा चुका है। लोकसभा की एक संसदीय समिति भी बनायी गई है जो समय-समय पर जांच करतीं है कि महिलाओं की स्थिति कैसी है महिलाओं से संबंधित सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन पर नजर रखन के लिये खास विभाग बना हुआ है। नेशनल अकादामी ऑफ ऍडमिनिस्ट्रेशन जैसी देश के आला अफसरों को प्रशिक्षण देने वाली संस्था तथा उसकी सहयोगी राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थाओं मे भी स्त्री-पुरुष संबंधो और उनके विषम परिस्थितियों पर विचार करने के लिये कोर्सेस आयोजित किये जाते हैं।यू.जी.सी. ने भी देश के कई विश्वविद्यालयों में वूमेन स्टडी सेंटर खोल रखें है। जिनके माध्य से महिलाओं के संदर्भ में शिक्षा के स्तर पर शोध आदि कार्य किये जाते है।इनके अलावा राष्ट्रीय महिला कोष और केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड भी महिलाओं की समस्याओं से निपटने के लिये, उनके आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण के लिये कार्यरत है। साथ ही केन्द्र सरकार व सभी राज्य सरकारें एक महिला नीति भी बना रही हैं। इन सभी माध्यमों व संस्थाओं के प्रयासों से महिलाओं की स्थिति में सुधार की अपेक्षा की जाती है।

. मै मेरठ का रहने वाला हूं। तीन वर्ष पूर्व मैंने अपनी बेटी की शादी दिल्ली में की थी। तब से उसके ससुराल वालों ने लड़की को हम लोगों से मिलने नहीं दिया है। दबाव के कारण लड़की भी मिलने से इनकार कर देती है।उसे न तो बाहर भेजा जाता है और न ही किसी से मिलने दिया जाता है।उसे लगातर प्रताड़ित किया जा रहा है। उसने एक बार आत्महत्या करने की भी कोशिश की। उसे ससुराल से बाहर कैसे निकाला जा सकता है, मुझे जानकारी दें।
अशोक शर्मा, मेरठ
आपकीसमस्याएक एसी दुखद समस्या है जिसका कई मां-बाप और लड़किया पीड़ित हैं। सोचने की बात यह है कि ससुराल में प्रताड़ना मिलने के बाद भी लड़की आपसे मिलने से क्यों इनकार करती है। इसका एक कारण यह हो सकता है कि उसे यह आत्मविश्वास नहीं है कि ससुराल के बाहर निकल कर वह अपनी जिंदगी शांति से जी सकेगी या उसे मां-बाप की मदद मिल सकेगी। यदि वह बालिग हैं तो ससुराल का दबाव मानने के लिए बाध्य नही हैं। फिर भी यदि वह अपनी मर्जी से आपसे मिलने से इनकार करती है तो आप उससे मिलने की जिद्द नहीं कर सकते। हां इतना अवश्य है कि यदि आपको यह शंका है कि उसे ससुराल में कैदी की तरह रखा जाता है तो और उसे भागने का मौका नहीं मिल रहा है तो आप एक विस्तृत शिकायत दर्ज कर सकते हैं। शिकायत पुलिस, दिल्ली महिला आयोग या राष्ट्रीय महिला आयोग के पास की जा सकती हैं।

. पिछले दो सालों से मेरा एक लड़के के साथ चल रहा है। लड़के ने मुझे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बना लिया। अब शादी से इनकार कर रहा है। कानूनन मुझे क्या सहायता मिल सकती है, मुझे जानकारी दें।
रीना माथुर, दिल्ली
लड़के के साथ पहली बार संबंध बताते समय यदि आपकी उम्र १८ वर्ष से कम थी तब तो वह बलात्कार ही माना जायेगा। भले ही आपकी इच्छा से हुआ है लेकिन यदि ऐसी बात नही है तो इसे धोखाधड़ी का मामला कहा जा सकता है और भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया जा सकता है लेकिन सिद्ध करने में देरी हो सकती है। यदि किसी तरह लड़के को शादी के लिए समझाया गया तो ठीक है वरना कानूनन आप केवल धोखाधड़ी का केस
कर सकती हैं।
नोट- लीना मेहेंदले के यह व्यक्तिगत विचार और सुझाव है।
प्रस्तुति- अनिता कर्ण

देश की प्रगति मे महिलाओं का बहुत बडा योगदान होते हुए भी वह समाज और मर्दो की दुनिया में शोषण का शिकार है। कभी मर्द उसे छोड़ देता है तो कभी वह ससुराल की तरफ से पीड़ीत है। कभी-कभी मायके वाले भी उसके दुश्मन बन जाते हैं। हालांकि आज की आधुनिक नारी कुछ हद तक आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी हुई है, इसके पश्चात भी उसकी समस्याएं और सवालों को हम अखबार के माध्यम से हल करना चाहते है। महिलाओं द्वारा भेजे गये सवालों का जवाब देंगी जानी-मानी महिला समस्याओं की विशेषज्ञ व राष्ट्रीय महिला आयोग की संयुक्त सचिव लीना मेहेंदले। हमें महिलाओं के पत्रों की प्रतीक्षा रहेगी।




सहारा 21-3-2001

आदिवासी लड़कियों को धडल्ले से बेच रहे हैं मानव अंगों के सौदागर

अजय तिवारी/सहारा समाचार

नयी दिल्ली, २० मार्च। मानव अंगों का सौदा करने की नीयत से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में छोटी उम्र की आदिवासी लड़कियो को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। लड़कियों के आश्रम और अनाथालयों पर छापा मारने के लिए आज महिला आयोग ने कलक्टरों को पत्र लिखा है। पहले इसकी इत्तला गृह मंत्रालय को दी गयी थी। आंध्र प्रदेश के नालगौंडा, देवरकुंडा निजामाबाद, मेहबूब नगर, विशाखापट्टनम और तमिलनाडु के धर्मपुरी में लड़कियों का गुर्दा और दूसरे अंगों का सौदा करने का खूब धंधा हो रहा है। लम्बाड़ा जनजाति की लड़कियां आंध्र प्रदेश मे इसका सर्वाधिक शिकार हैं। बेहद गरीब ये आदिवासी पत्थर तराशकर और जंगल से लकड़ियां काटकर अपना पेट भरते है।
नालगौंडा करबे के दस ताल्लुकों में मानव अंगों की खातिर लड़कियों की खरीद-फरोख्त जारी है। पुलिस ने इस सिलसिले में ५८ मामले दर्ज किये हैं और ३० बच्चों को मानव अंगो के सौदागरों के चंगुल से छुड़ाया है। महिला आयोग के अनुसार कई कस्बों में महिला के गर्भ का भी सौदा हो जाता है। धर्मपुरी. (तमिलनाडु) के हुसूर कस्बे के बहुसंख्यक अनाथालयों की गतिविधियां संदिग्ध पायी गयी है। यह कस्बा पहले ही भ्रूण हत्या के लिए बदनाम था। अब हुसूर का नाम मानव अंगो के सौदागरों के केंद्र के रूप में लिया जाने लगा है।राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने वहा के कई अनाथालयों का दौरा किया था। अनाथालय तीन माह से लेकर तीन वर्ष तक की आदिवासी लड़कियों को बड़ी तादाद में अपने यहां रखे हुए है।
(शेष पृष्ठ १० पर)

अनाथालयों और लड़कियों के
आश्रमों पर कारवाई के लिए आज महिला आयोग ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के कलक्टरों को पत्र भी लिखा।आयोग ने कलक्टरों को कहा है कि वे उन सभी अनाथालयों की तलाशी लें जहां २० या उससे अधिक लड़कियो को रखा गया है।
महिला आयोग की सदस्य शांता रेड्डी ने कहा कि लड़कियो के मानव अंगो का सौदा सामाजिक संगठनों के माध्यम से हो रहा है। उन्होंने आशंका जतायी कि कई लड़कियों को इस नीयत से विदेश भी भेजा गया है। शांता रेड्डी इस मामले की जांच कर रही है।
-----------------------------------------------------------------------------------------------

राष्ट्रीय सहारा
१८//२००१ के लिये

नोट:- यह लीना मेहेंदले के व्यक्तिगत विचार और सुझाव हैं।

प्रश्न १:- शादी के सात वर्ष बाद पति आपसे दहेज माँगना शुरु करे यह बात कुछ समझ में नही आती। आप शारिरिक यातनाओंके विरुध्द भी रपट दर्ज करा सकती हैं और दहेज माँगने के बाबत भी। गुजारा भत्तेके लिये भी आप भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १२५के अंतर्गत पुलिस व कोर्ट में जा सकती हैं। या फिर राष्ट्रीय महिला आयोग में विस्तार से अपनी शिकायत भेज सकती हैं। गुजारा भत्ता केवल आपको ही नही, लडकियों को भी मिलेगा।

प्रश्न २:- आप बालिग हैं। यदि लडका आपसे शादी करने के लिये तैयार है तो आपको रजिस्टर्ड मॅरिज कर लेना चाहिये, वरना गर्भ की बात कितने दिन छुपी रहेगी? फिर इस दौरान जो मानसिक तनाव होगा उसका गर्भ पर बुरा असर पड सकता है। आपको तुरंत
रजिस्टर्ड मॅरिज कर लेना चाहिये।

प्रश्न ३:- आपके ससुर की अपनी मेहनतसे कमाई संपत्ति में आपके पति का कोई हक नही बनता है। पैतृक संपत्ति में अवशय ही आपके पति हक माँग सकते हैं और न मिलता हो तो सिविल कोर्ट में केस कर सकते हैं। दूसरी ओर आप यह भी सोच सकती हैं कि यदि पति की कमाई ठीक ठाक है और आप दोनो आपस में खुश हैं तो असल कमाई तो आपने पा ही ली। आगे की सलाह इस बात पर निर्भर करेगी कि आपके पति के अन्य भाई-बहन कितने हैं और आपका उनसे व्यवहार कैसा है।

प्रश्न ४:- तुम्हारा शारिरिक शोषण क्या होता है, यह तुम्हें खुलासेवार बताना चाहिये। बच्चों को मारपीट करना कानून की आँखों में गंभीर अपराध है और आप पुलिस में या महिला आयोग या अपने राज्यके मानवधिकार आयोग में जा सकती हैं। लेकिन उससे पहले क्या तुम्हारे ऐसे कोई रिश्तेदार नही बचे, जो तुम्हारे पिता को समझा
सकें, मसलन दादा-दादी, चाचा, बुआ, नानी, मामा, मौसी इत्यादि? तुम अपने स्कूल के प्रिंसिपल से भी बिनती कर सकती हो कि वे पिता को बुलाकर समझायें। क्या तुम्हारे सौतेले भाई बहन हैं? यदि हाँ तो तुम बडप्पन के नाते उनसे कैसा व्यवहार करती हो यह भी तुम्हें देखना पडेगा।

प्रश्न ५:- अभि के कानून के मुताबिक सौतेले बेटेसे गुजारा भत्ता नही माँगा जा सकता।

प्रश्न ६:- मैं एक मुसलमान लडकी हूँ। मेरे पतिने दूसरी शादी करके मुझे व बच्ची को मायके भेज दिया है और कोई गुजारा नही देता। कोर्ट में उसने केस दे दी है कि वह मेहर की रकम तथा तीन महिने के गुजारे की रकम मुझे देने की पेशकश कर चुका है। लेकिन मैंने मना कर दिया था इसलिये उसे तलाकशुदा घोषित किया जाय। क्या मुझे कोई हक नही?
नसरीन, फरीदाबाद

मुसलमान धर्मग्रंथों के मुताबिक भी पति दूसरी शादी तभी कर सकताहै, जब वह दोनों बीवियोंसे समान रूप से व्यवहार करे और दोनों का समान रूप से खयाल रखे। तलाक चाहने पर गुजारा भी केवल ३ महीने का नही बल्कि पूरी उमर का देना पडेगा, जैसा कि हाल में मुंबई हायकोर्ट ने फैसला दिया है। इसके अलावा आप भारतीय दंड- प्रक्रिया संहिता की धारा १२५ में भी कोर्ट से गुजारा भत्ते की माँग कर सकती हैं।
--------------------------------------------------------------------------------------------------------

Series 3 (for 18.03.2001)

[Attention to Sh.Chand Khan Rehmani, Rashtriya Sahara]

उत्तर १- बारह वर्ष की शादी के बाद आप एक बुरी उलझन में फँस गई हैं। कानूनन आपको तलाक देने के लिये कोई बाध्य नहीं कर सकता और पत्नी का आपका हक नहीं छीन सकता।आपके कोई बच्चा नहीं हुआ, यह भी तलाक का कारण नही बन सकता। चूँकि पति की- अनिच्छा से ही संबंध टला है, अतः कानूनन आपका पत्नी बने रहने का अधिकार सुरक्षित है। व्यावहारिक उलझन के लिये आपको कोई दूसरा उपाय खोजना पडेगा, मसलन किसी अच्छे काम में जुट जाना। वैसे ससुराल वालों से मिलकर आप पति को समझाने का भी प्रयास कर सकती हैं।आप जैसी दूसरी बहनों के लिये यही कहूँगी कि वे समस्या का हल खोजने में इतनी देर न करें।

उत्तर२- ब्लेकमेल करना एक अपराध है और इस केस में तो कडी सजा मिल सकती है। अतः आप पुलिस की सहायता से व्लेकमेलर को पकडवाने का
प्रयास करें।

उत्तर ३- आप बालिग हैं अतः आपकी इच्छा विरुद्ध न तो कोई आपको संरक्षण गृह में रख सकता है न शादी करवा सकता है।आपकी शिक्षा कहाँ तक हुई है? परिवार में प्रारंभिक सहायता कौन कौन दे सकता है, ये सब जाने बगैर आपकी अन्य समस्याओं का उत्तर नहीं दिया जा सकता ।

उत्तर ४- Keep pending for next issue.

उत्तर ५- आपकी उमर १७ साल है अर्थात कानूनन अभी आपको न शादी करने की अनुमति है और न शारीरिक संबंध बनाने की।अच्छा होगा यदि आप एक और साल तक केवल पढाई में मन लगाइये १८ वर्ष की आयु पूरी होने पर आपको शादी की अनुमति मिलेगी। वैसे दोनों परिवार हिंदू विधान से शादी करवाते हैं तो उसे कानूनन मान्यता है।




समस्याएं महिलाओं की


- मै १८ वर्षीय १० वीं पास
लड़की हूँ। मेरे पिता ने १० वीं के बाद पढ़ाई बन्द कर दी है। वे पढा़ना नही चाहते जबकी मैं पढ़ना चाहती हूँ। दो सालों से मै घर में एक बन्दी की तरह रह रही हूँ। मेरा भविष्य बिल्कुल अन्धकारमय हो गया है। कृपया मुझे रास्ता दिखाएं।
------------------------------------------------------------------
२५ अप्रैल२००१
सहारा सलाह
समस्याएं महिलाओं की
-लीना मेहेंदले

. मेरे पति की उम्र २२ वर्ष तथा मेरी उम्र २० वर्ष है। मेरी शादी को एक वर्ष हुआ है। मेरे पति दिल्ली में नौकरी करते हैं। इसलिये वे महीने में एक दो दिनों के लिये ही घर आते हैं। घर में मैं अकेली औरत हूं। सास या ननद नहीं है सिर्फ देवर व ससुर हैं। मेरे ससुर मेरे ससुर की उम्र लगभग ४२वर्ष है। वे जवान और सुन्दर हैं। शुरू मे उनका व्यवहार मेरे साथ दोस्ताना था जिसके कारण मै उनके करीब आ गायी। अब हम दोनों के बीच संबंध बन गया हैं। कहीं यह बात मेरे पति को न पता चल जाये। मैं क्या करू बड़ी उल्झन में हूं सुझाव दें।
सुनीता, मेरठ
कानून की दृष्टि में आपके ससुर अपराधी है और आपके पति शिकायत करें तो आपके ससुर को दंड हो सकता है, लेकिन आपकी असली समस्या कुछ और है। ससुर के साथ संबंध खत्म करना ही उचित होगा। अच्छा हो कि कुछ दिनों के लिये आप मायके चली जाये बाद में पति के साथ अलग रहना शुरू करें।आप अपने देवर की शादी करने के बाद जहां तक संभव है, आपको अपने ससुर की दूसरी शादी करवा देनी चाहिये, लेकिन इसके लिये आपको अपना मन मजबूत करना पड़ेगा। यदि आप का ही मन ससुर के लिये लालायित रहेगा तो इस समस्या का अन्त नहीं है।

. मैं ३२ वर्षीय महिला हूं। मैने अपनी पसंद से शादी की थी। उस समय मेरी उम्र २२ वर्ष तथा मेरी पति की उम्र २० वर्ष थी। हमारी शादी आर्यासमाज रीति से हुई थी।मेरी शादी में मेरे तथा मेरे पति के अभिभावक नही आये थे। इस लिये दोनों ने ही इस शादी को स्वाकार नही किया। अब वर्षो बाद वे लोग (ससुराल वाले) मेरे पति को समझा-बुझाकर दूसरी शादी करना चाहते है, जबकि मेरी एक बेटी भी है। अब वे हमें का भरण-पोषण के लिये पैसा भी नहीं देते। वे इस शादी को ही अवैधानिक साबित करना चाहते हैं।
मुझे सलाह दें, मै क्या करू?
सुप्रिया त्रिपाठी, गोरखपुर
यदि आपने शादी के बाद दस वर्ष पति के साथ गुजारे हैं तो क्या वे गुमनाम रह कर बिताये थे? आपके रिश्तेदारों को पता होगा। बेटी के जन्मदिन पर, अन्य त्यौहार में या ससुराल में किसी शादी व्याह के समारोह में, कई जगह आप शामिल हुई होंगी। इन सारे प्रमाणों को मिटाना आसान नही है। बच्ची को आपने नर्सरी स्कूल में डाला होगा। वहां पिता के नाम पर आपके पति का नाम लिखा होगा। राशन कार्ड भी होगा। इसलिये आपको अपनी समस्या विस्तार से बताना होगा।आर्यासमाजी ढंग से भी जिस मंदिर में आपकी शादी हुई है, वहां उसका रिकार्ड भी होगा। आप के पास शादी का प्रमाणपत्र है या नही? आपकी समस्या से और लोगों को सबक लेना चाहिये कि शादी को अवश्य पंजीकृत कराये।

. मैं ४२ वर्षीय महिला हूं। आज से बीस वर्ष पूर्व मेरी शादी हुयी थी। सब कुछ वर्षों तक तो समान्य ढंग से चलता रहा। लगभग आठ वर्ष
पूर्व मेरे व मेरे पति के बीच वैचारिक तनाव उत्पन्न हो गया, जिसके कारण हम दोनों का अलगाव हो गया। लगभग ७ वर्षों से मैं तथा मेरी १८ वर्षीय बेटी अलग रह रहें हैं। मेरे पति मुझे तथा मेरी बेटी को भरण-पोषण तक के लिये पैसा नहीं देते। यहां तक कि छह वर्ष पूर्व उन्होंने मुझ से बिना तलाक लिये दूसरा विवाह भी कर लिया है। मुझे सलाह दें क्या करना चाहिये?
लोपामुद्रा, कानपूर
जहां तक पति के दुसरा विवाह का प्रश्न है, आप तुरंत पुलिस में उनके विरुद्ध केस दर्ज करा सकती है, जिसके उन्हें सजा हो सकती है। इसके अलावा आप गुजारा- भत्ता पाने के लिये कोर्ट में आवेदन दे सकती है और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १२५ के अंतर्गत आपको तथा आपकी लड़की को अलग-अलग- भत्ता मिल सकता है। लड़की को तब तक गुजारा मिल सकता है, जब तक उसकी शादी न हो जाती है। आपकी अपनी आय चाहे जितनी हो, फिर भी आपकी बेटी पिता से तथा आप अपने पति से गुजारा मांग सकती है।

. मैं २४ वर्षीय महिला हूं। दो वर्ष पूर्वमेरी शादी हुयी थी। मैं एक निजी संस्थान में नौकरी करती हूं। पिछले डेढ सालों से आपसी मतभेद के कारण हम अलग-अलग रह रहे है। अब स्थिति यह है कि न तो हमारे बीच सुलह हो पा रही है और न तलाक की ही स्थिती है। मुझे सलाह दें।
सरोज गोयल, मेरठ
आप दोनो के बीच सुलाह होगी या नही यह केवल आप दोनों पर ही निर्भर करता है। आप अपने रिश्तेदारों की तथा परिवार की मदद ले सकती हैं या राष्ट्रीय महिला आयोग में भी जा सकती है, जहां आपकी सुलह या आपसी सलाह से तलाक या संपत्ति का आदान-प्रदान आदि बातें तत्काल पूरी हो सकती है।

. मेरी शादी के दस वर्ष हो गये है, तब से मै संयुक्त परिवार मे रहती आ रही हूं। मेरे साथ सास, जेठानी, देवरानी व एक ननद है। मेरी सास का व्यवहार हमेशा से ही मेरे साथ खराब रहा है, लेकिन इधर देवरानी के घर में आने के बाद वे खुलेआम
अपमान व उत्पीड़ीन करने लगी हैं। पति से कहने पर वे मेरी ही गलती बता कर चुप रहने को कहते हैं। मुझे बतायें कि ऐसी परिस्थिति मे मैं क्या करूं?
रीता वर्मा, रामपुर
शादी के बाद दस वर्ष तक आप संयुक्त परिवार मे रही हैं। अब सबसे छोटी देवरानी के आने के बाद उसे सम्मान मिल रहा है और आपको उत्पीड़न तो आपको अपना व्यवहार भी कही न कही जांच परखकर देखना चाहिये।कई बार ऐसा भी हो जाता है कि बड़े परिवार का एकाघ सदस्य बद अच्छा बदनाम बुरा वाले मुहावरे की तरह आंख का काटा बन जाता है, भले ही उसकी कोई और वजह हो या न हो। यदि मनमुटाव बहु गहराई तक पैठ गया है तो इसका इलाज मुश्किल है। आप पति से सलाह कीजियें और घर वातावरण सुलझाने में आपसे जो बन सकता है कीजिये।
नोट- लीना मेहेंदले के यह व्यक्तिगत विचार और सुझाव हैं।
प्रस्तुति- अनिता कर्ण










प्रभा मन्डावली